भारत एक ऐसा देश है जहां पुरुष स्वयं को कामदेव समझते हैं और स्त्रियों से अपेक्षा की जाती है कि वे सती सावित्री बनी रहें। जहां प्रियंका चोपड़ा को उनकी ड्रेस के लिए ट्रोल किया जाता है। राह चलती किसी भी लड़की पर उनके कपड़े को लेकर फब्तियां कसी जाती हैं तो वहीं लड़के, लड़कियों की भीड़ में खुल्लम खुल्ला अपने अंग दिखाते हुए खुद को गर्वान्वित महसूस करते हैं। ऐसी हरकतों से उनकी मर्दानगी उछल-उछल कर बाहर आती है। भारत उन देशों में शामिल है जहां 99 फीसदी महिलाएं कभी न कभी ऐसी हरकतों का शिकार हुई हैं। उनके साथ किसी न किसी प्रकार का शोषण हुआ है और उन्हें समाज का हवाला देकर चुप करवा दिया गया। ( ये आंकड़े अनुभव जनित हैं। आप अपनी माँ, पत्नी, बेटी और बहनों से पूछ सकते हैं)
घटना का जो विभत्स विवरण सामने आ रहा वह सम्पूर्ण समाज को शर्मसार करने वाला है। उनमें एक भी ऐसा शख्स नहीं था जो उन्हें रोक सके? घिनौना सच है! मतलब स्त्रियों पर पाबंदी लगाने के लिए आप इस हद तक जाएंगे... और सभी चुप होकर तमाशा देखेंगे! शायद इन्हीं हरकतों की वजह से भारत को स्त्रियों के लिए सबसे असुरक्षित देश माना गया था।
बहुत साल पहले भारत पर एक डाक्यूमेंट्री देख रही थी, जिसमें प्रस्तोता ने खुलेआम कहा था कि यहां आते ही उसके साथ शोषण हुआ किसी ने उसके स्तन को छुआ... मतलब मानसिक दिवालियेपन की हद है... और का-पुरुष इसमें गर्व का अनुभव करता है। जब द्रौपदी के साथ चीर-हरण हो सकता है तो अन्य स्त्रियों की क्या बिसात? यहां का सभ्य समाज मुंह में दही जमाकर और आंखों पर पट्टी बांधकर बैठा रहे क्या फर्क पड़ता है! ...और कानून जाए जाकर भीड़ को पकड़े !
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