26 जनवरी के साथ ही कई सारी यादें भी ताज़ा हो जाती हैं। बचपन के उत्साह की, विद्यालय की, जलेबी की, दोस्तों की, खूब सारी मस्ती की। बचपन से ही बच्चों को देशभक्ति और राष्ट्र से प्रेम करना सिखाया जाता है। अच्छी बात है लेकिन अच्छा इंसान बनना, एक-दूसरे का आदर करना, अपनी धरोहरों को सम्मान और संरक्षण देना ऐसी बातें भी सिखाई जानी ज़रूरी है। पिछले हफ्ते सप्ताहांत पर भरतपुर के केवलादेव पक्षी उद्यान में जाना हुआ। वहाँ देश के अलावा विदेशों से भी पर्यटक आए हुए थे, जो किराए पर साइकिल लेकर उद्यान का आनंद ले रहे थे। मैंने और मेरी मित्र ने भी साइकिल किराए पर लेकर अपनी यात्रा शुरू कर दी। झील के किनारे बैठकर पक्षियों के कलरव का आनंद ले रही थी तभी कुछ लड़कों की अश्लील टिप्पणी सुनी जो एक विदेशी महिला पर की गई थी। वो महिला अकेली थी और साइकिल और बड़े लेंस वाले कैमरे के साथ वहाँ आनंद लेने आयी थी। मैंने अपनी मित्र से कहा भी कि वे लोग उससे बदतमीज़ी कर रहे हैं पर फिर हमने इस पर प्रतिक्रया नहीं दी, कि यूँ हीं किसी के मामले में टांग क्यों अड़ाना। उद्यान घूमने के बाद वापिस लौटते हुए मैंने उस महिला को
चाहे सोने के फ्रेम में जड़ दो, आईना झूठ बोलता ही नहीं ---- ‘नूर’