1. लफ्ज़ चंद अंगारे जैसे लफ्ज़, फेंक दिया मेरी रूह पर, झुलस गयी ख्वाहिशें लेकिन- ज़िंदा है अब भी मेरा इश्क़ सहमा-सा ही सही !! 2. कमीज एक पीली -सी कमीज थी तुम पर बेहद जंचती थी आयरन करते हुए उस दिन, उसका कॉलर जल गया था, कुछ कहा नहीं था मैंने, लेकिन, बहुत कुछ खो दिया था - कल वैसी ही कमीज किसी और ने पहनी थी लगा कि तुम हो !! © 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!
चाहे सोने के फ्रेम में जड़ दो, आईना झूठ बोलता ही नहीं ---- ‘नूर’