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Showing posts from April 12, 2015

यूँ हीं ....

1.  लफ्ज़ चंद अंगारे जैसे लफ्ज़, फेंक दिया मेरी रूह पर, झुलस गयी ख्वाहिशें लेकिन- ज़िंदा है अब भी मेरा इश्क़ सहमा-सा ही सही !! 2. कमीज एक पीली -सी कमीज थी तुम पर बेहद जंचती थी आयरन करते हुए उस दिन,  उसका कॉलर जल गया था, कुछ कहा नहीं था मैंने, लेकिन,   बहुत कुछ खो दिया था - कल वैसी ही कमीज   किसी और ने पहनी थी लगा कि तुम हो  !! © 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!