रोको ना टोको / अंतहीन आकाश / ऊँची उड़ान उड़ते रहे / मज़बूत पंख हैं / हो गया भान बिछा था जाल / खुश हुआ सैयाद/ सहमा पंछी ज़ख़्मी हैं पंख / परवाज़ की चाह / नन्ही सी जान © 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!
चाहे सोने के फ्रेम में जड़ दो, आईना झूठ बोलता ही नहीं ---- ‘नूर’