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Showing posts from February 6, 2022

लता मंगेशकर से जुड़ाव

लता मंगेशकर के गीतों से पहला परिचय कब हुआ याद नहीं। मम्मी अक्सरहा उनके गीत गुनगुनाती थीं। तब किसी के गाने की तारीफ करते हुए यही कहा जाता था कि वह तो एकदम लता मंगेशकर की तरह गाती है, यानी लता मंगेशकर संज्ञा से विशेषण बन चुकी थीं।  गर्मी की उमस भरी रातों को छत पर पानी का छिड़काव होता, फिर सोने के लिए गद्दे बिछाए जाते। खाना खाने के बाद हम सभी छत पर चले जाते। टिमटिमाते तारों से भरे खुले आसमान के तले मम्मी और हम सभी बच्चे लेट जाते, फिर शुरू होता गाने का सिलसिला। मम्मी को लता मंगेशकर और मुकेश के गाने विशेष तौर पर पसंद थे। चाँद, तारे, हवा, बादल - किसी पर भी गाने का सिलसिला शुरू होता तो बस चलता रहता। कभी मन हुआ तो अंत्याक्षरी भी शुरू हो जाती।  जब पहली बार टेपरिकॉर्डर आया तो साथ में लता मंगेशकर और मुकेश के गानों का कैसेट भी आया। पहली बार लता जी के लिए 'दी' का सम्बोधन भी मम्मी से ही सुनी थी। तब ज़्यादा उम्र नहीं थी अल्प बुद्धि थी, मैंने मम्मी से पूछा भी था 'वह तुम्हारी दीदी हैं क्या?' मम्मी हंसते हुए बोली थीं 'हाँ'। 'नैना बरसे रिमझिम', 'झूम झूम ढलती