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Showing posts from May 25, 2014

जो यह पता होता....

काश, शबनम  में  भीगी उस मीठी रात को चंद पलों के  लिए रोक लेती, क़ैद कर लेती मुठ्ठियों में, पलकों में छिपा लेती- जो यह पता होता कि सुबह की लालिमा तुम्हे मुझसे जुदा  कर जाएगी ना कुछ पल के लिए ना एक ज़िंदगी के लिए शायद, युगों - युगों के लिए . © 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!