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Showing posts from January 12, 2020

'बारिश के अक्षर'

मेरी ज़िंदगी के कुछ खुशनुमा और महत्वपूर्ण लम्हों में से एक रही 11 जनवरी 2020 की शाम। यह पहला मौका था जब मेरी कहानी संग्रह 'बारिश के अक्षर' के लोकार्पण के साथ ही उस पर परिचर्चा भी होनी थी। घबराहट थी और एक डर भी था इतने बड़े मंच पर कार्यक्रम सफलतापूर्वक हो पाएगा? यह चिंता खाए जा रही थी, तिस पर सबसे अंतिम वाला चंक यानी शाम साढ़े छह से पौने आठ का समय मिला था। ऐसा लग रहा था कि पता नहीं दर्शक-श्रोता रहेंगे भी या नहीं!  वक्ता के रूप में जिन्हें आमंत्रित किया गया उनमें से दो ने पहले ही अपनी असमर्थता जता दी और तीसरे अतिथि/वक्ता ने कार्यक्रम वाले दिन फोन ही नहीं उठाया। मतलब सारी परिस्थितियां उलट थीं। अपनी ओर से तैयारी पूरी थी। साथियों-रिश्तेदारों का साथ और सिर पर हाथ बना हुआ था। कार्यक्रम शुरू हुआ और इतना अच्छा गया कि डर-घबराहट-ऐन मौके पर डिच किये जाने की तकलीफ सब खत्म हो गयी।  लेखक मंच पर कहानी संग्रह ‘बारिश के अक्षर’ का लोकार्पण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ इसके साथ ही परिचर्चा भी सफल रही। अतिथियों का स्वागत और आयोजन में सहयोग श्रेया सिन्हा, रजत बक्सी, रूहिका बक्सी, डॉ नेहा श्रीवास्तव,अनुपम