आज़ादी October 24, 2015 क फ़स में कैद कर दो सांस चाहे, जुबां पर ताले जड़ दो सारे पंख नोच डालो, या पैरों में बेड़ियां मढ़ दो हीर सी मौत दे दो या ज़िंदा ही दफन कर दो रूह आज़ाद है मेरी जां इश्क़ के गीत गाएगी इश्क़ की लय में थिरकेगी फूल सी खिलखिलाएगी । © 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित! Read more