सेमल की लालिमा बिखर गयी है इस जानिब टेसू भी दहकने लगे होंगे तुम्हारी तरफ सुनो, थोड़े से फूल मसल देना कागजों पर शब्दों में ताज़गी आ जाएगी। मुट्ठी भर टेसू बिखेर देना हवाओं में नफरत के रंग धूमिल पड़ जाएंगे । और हाँ, थोड़े फूल बचा लेना अपने लिए खुश रहने की वजह मिल जाएगी। टेसू के फूल अब मेरा इंतज़ार कभी नहीं करेंगे ! © 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!
चाहे सोने के फ्रेम में जड़ दो, आईना झूठ बोलता ही नहीं ---- ‘नूर’