Skip to main content

Posts

Showing posts from August 9, 2015

यूँ ही ....

हरचन्द ना तू हबीब है, ना है रकीब मेरा, तो भी अबस है ये जीस्त जिसमें तू नही। तेरी सोहबत हयातो-मौत- ही सही फिर भी, ज़िन्दगी अब तुझसे पहली-सी मोहब्बत ना रही । © 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!