बादलों की छुपन छुपाई,
आसमां में थिरकता चाँद,
‘फॉरएवर इन लव’ की धुन और
इन सबकी साक्षी ‘वो’ -
कुरेदती रही दिल-दिमाग-मन
कहीं से तो फूटे सोता प्रेम का
या किसी कोने में अब भी बचा हो इश्क़
एक कतरा ही सही-
हर खोज मुकम्मल हो लेकिन ये ज़रूरी तो नहीं।
काश! ज़िन्दगी कोई साज होती, जिसे वो साध लेती
यहाँ ज़िन्दगी तो रस्सी है,
संतुलन बनाना आसान कहाँ !
‘फॉरएवर इन लव’ की धुन पर नाचता चाँद भी आखिर डूब गया…
अँधकार का ये संगीत ‘केनी’ के सैक्सोफोन की धुन से ज़्यादा मादक था ।
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