आज मेट्रो में दो महिलाओं कि बातों ने सोचने पर मजबूर कर दिया कि लोग कैसी कैसी मानसिकता लेकर जीते है. एक महिला दूसरी को समझाए जा रही थी कि मैडम आज के समय में महत्वपूर्ण सिर्फ़ माया है. अब देखिये लड़कियों का बलात्कार हो जाता है, उनकी ज़िंदगी बरबाद हो जाती है, उनके माँ - पिता को पैसे दे दिए जाते है और फिर वो चुप होजाते है. उनके पास उदाहरण भी पता नही कहाँ कहाँ से आ जा रहे थे.... यहाँ तक कि आजकल कि सारी लड़कियाँ जो अपने बलबूते अच्छी ज़िंदगी जी रही है उसे भी वो ग़लत नजर से ही देख रही थी उनका मानना था कि आज कल कि लड़कियाँ बमुश्किल दसवीं पास करती है और चार - पाँच हज़ार कि नौकरी करने लगती हैं लेकिन जितना खर्चीला जीवन जीती है कही से भी ये महसूस नही होता कि उनकी कमाई इतनी कम है, तो आख़िर उनके पास इतना रुपया आता कहाँ से है, इसी सब तरीके से आता है.
मैं सुन रही थी जब जवाब देने का सोचि तब तक वो मैडम उतर गयी... बड़ी कोफ्त हुई उनकी बातें सुनकर... क्या उनके विचार है. कम से कम अपनी सोच को लोगों कि सोच तो ना बनाइये... ऐसा आप सोचती है, लोग नही. कल को अगर आपकी बेटी के साथ ऐसा कुछ भी होता है तो शायद आपका रवैया ऐसा हो सकता है, लोगों के बारे में आप कैसे कहाँ सकती है. एक बात समझ नही आती हर चीज के साथ लोग आज कि पीढ़ी को क्यों कोसने लगते है, और उन्हें ग़लत ठहराना शुरू कर देते है... शायद उन्हें ख़ुद कुछ नही कर पाने का अफसोस होता होगा.
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