प्रेम.... प्यार ... इश्क.... मोहब्बत... कितने अच्छे शब्द हैं । किसी ज़माने में प्रेम में पड़े लोगों के लिए इनका गहरा मतलब हुआ करता था। एक प्यार से भरा दिल अपनी चाहत का इज़हार अक्सर पत्रों के माध्यम से किया करता था। फ़िर वो पत्र या तो 'मुग़ल ऐ आज़म ' फ़िल्म की तरह कमल के फूल की पंखुरियों में छिपा कर बहते जल के मध्यम से प्रियतमा तक पहुँचाया जाता था, या फ़िर किताबों में रख कर या फ़िर 'मैंने प्यार किया' फ़िल्म की तरह कबूतर बनता था संदेशवाहक। कितना रोमांटिक हुआ करता होगा तब प्रेम पत्र, जिसे पढ़ते ही नायिका चाहे ना चाहे इजहारे मोहब्बत को तुंरत स्वीकार कर लेती थी। आज दुनिया हाईटेक हो गई है, नायक नायिका बिंदास हो गए हैं। आज मिले...कल प्यार हुआ.... परसों शादी... और फ़िर तलाक, मामला ख़त्म और फ़िर नई कहानी शुरू । हाथ में मोबाइल है ...घर में कंप्यूटर। जब मन किया एस एम् एस कर दिया या फ़िर बहुत दिल से इज़हार करना है तो प्रेम पर्व तो है ही.... साथ ही है हाई टेक ग्रीटिंग्स, बस एक क्लिक करने भर की देरी है।
"वैलेंटाइन डे " यानी नए ज़माने का प्रेम पर्व। यानी अपने जज़्बात को बताने का एक और मौका... हर प्यार करने वाले एक दूसरे को उपहार ज़रूर देते हैं फ़िर चाहे एक गुलाब का फुल ही क्यों ना हो । यहाँ एक बात और बताना चाहूंगी की इस दिन गुलाब के एक फूल की कीमत भी बहुत ज़्यादा होती है। आज नायिका घर की चाहरदीवारी के अन्दर क़ैद नही है... ना ही उसके पैरों में लज्जा का बंधन है। आज वो चूजी हो गई है... वो अपनी पसंद नापसंद का इज़हार कर सकती है। आज वो ज़्यादा उन्मुक्त है, वो ख़ुद भी कमाती है , इसलिए उसे पता है की किस गिफ्ट की कीमत क्या है । वो , उसे प्रोपोस करने वाले के स्तर का पता उसके उपहार की कीमत से लगा लेती है। आज नायिका नायक का इंतज़ार नहीं करती उसके पास बहुत ऑप्शन्स हैं। जी हाँ ये आज के "प्रेम पर्व" और उसे सेलिब्रेट करते युवा वर्ग और किशोरों की कहानी है जो अपने गर्ल फ्रेंड को रिझाने के लिए बेतहाशा खर्च करने से भी गुरेज नही करते और गर्ल फ्रेंड्स इमोशंस से ज़्यादा गिफ्ट की कीमत पर मर मिटती हैं।
Comments
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गुलाबी कोंपलें
बिलकुल सच लिखा है ! अच्छा लगा
जिसके लिए तरसकर पूरा जीवन कट जाता था!
इंटरनेट का युग है,
बस एक क्लिक करने की जरूरत है!
1 wah!wah!....................bahut Aachchha......... tabhi to mujhe... wo wala piayatr kyon nahi hua...................ab samajh me aaya.
1 wah!wah!....................bahut Aachchha......... tabhi to mujhe... wo wala piayatr kyon nahi hua...................ab samajh me aaya.