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Showing posts from July 28, 2019

अरे रुक जा रे बन्दे....!

"ये अंधी चोट तेरी कब की सूख जाती मगर अब पक चलेगी अरे रुक जा रे बन्दे अरे थम जा रे बन्दे ... " 2007 में आयी फिल्म 'ब्लैक फ्राइडे' के इस गाने के बोल आज मौज़ूँ जान पड़ते हैं। हम किस दिशा में जा रहे हैं ? शायद गलत को गलत कहने की अब हमारी आदत नहीं रह गयी है ! आज रुकना और रोकना दोनों ज़रूरी हो गया है। दो-तीन दिनों के अन्दर कुछ ऐसी घटनाएं घटी हैं जो ऐसा सोचने पर मजबूर कर रही हैं। एक तरफ 'मॉब लिंचिंग' की बढ़ती घटनाएं जिस पर  सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भी जारी की है। बहुत आसान है किसी भी झूठे आरोप को आधार बनाकर भीड़ के साथ किसी की जान ले लेना। पटना में इसी आधार पर एक बड़ी घटना हो सकती थी, अगर समय रहते पुलिस तक सूचना नहीं पहुँचती और पुलिस तुरंत हरकत में नहीं आती। मसला इतना था कि गाय को कुत्ते ने काट लिया था। मॉब लिंचिंग से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार और 10 राज्यों से पूछा है कि उन्होंने इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए ? याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकारों ने ऐसी भीड़ हिंसा को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ज