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Showing posts from November 23, 2014

आँखें (चंद हाइकु )

बेरंग जहां रोशन कर गया आँखों का दान ----------- जागती आँखें चाँद पाने की ज़िद उंघते ख्वाब ------------ छलके शब्द नैन करे संवाद एक लौ दिखी ------------ चार थे नैना चश्मा घर में छूटा सब धुंधला ----------- राज़ खोल दी दिल में दफ़न था आँखें बोल दी ----------- सीमा से परे उड़ने को तत्पर नैन परिंदे ------------ जूझते रहे आँखों ने सिखाया था शूल हैं फूल © 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!

इश्क़ की फुहारें (हाइकु )

इश्क़ बरसा भीग रहे हैं सब बदली फ़िज़ां --------- अमृत रस शबनमी सुकून इश्क़ का नूर --------- इश्क़ तिलस्म सूझे ना कोई तोड़ सब उलझे --------- चाँद - चकोर इश्क़ की हसरत वस्ल की प्यास ---------- इश्क़ मुअम्मा सुलझ नहीं पाए दिल समझे ---------- सुधा - सलिल इश्क़ में भीगी मही वसंत आया ---------- इश्क़ की सजा पाँव लहुलूहान मौत की ख़ुशी ----------- नन्हा दीपक इश्क़ में जला करे खुशियाँ भरे   ------------ © 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!